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यह मेरा सपना है

यह मेरा सपना है

कोई अमीर घराने में पैदा हुआ है
तो कोई गरीब घराने में
पर ये सोलह आने सच है कि
जिंदगी के परीक्षा में,जीत हार होगा ही।
कलयुग के इस नए दौर में
मेरा सपना है कि
निर्भयता से जिंदगी जीते हुए
सन्मार्ग पर मैं चलता रहूं।
सिर पर कफन बांधकर
मुझेँ अकेले चलना है
सबसे आगे बढ़ना है
और नया इतिहास रचना है।
कलयुग के इस नए दौर में
मेरा सपना है कि
निश्चल स्वभाव हो मेरा
तभी कुछ कर दिखा पाऊंगा।
लक्ष्मी होती है बेटियां
सारी दुनिया ऐसा कहती है
फिर भी वही बेटियां
दुनिया के ताने सहती है।
कलयुग के इस नए दौर में
मेरा सपना है कि
बेटियों पर हो उच्च विचार
और बेटियों का हो जग में सम्मान।

नूतन लाल साहू

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